Daily Current Affairs in Hindi नवीनतम करंट अफेयर्स 14 अप्रैल 2016
Daily Current Affairs in Hindi
1) भारत और अमेरिका के बीच साजो-सामान के विनिमय पर अहम समझौता
विवरण:
भारत और अमेरिका के बीच साजो-सामान के विनिमय पर अहम समझौता हुआ है, जिसमें दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे की परिसंपत्तियों और अड्डों का इस्तेमाल मरम्मत और आपूर्ति के लिए कर सकेंगी। इस मुद्दे को लेकर पिछली यूपीए सरकार के समय समझौता नहीं हो पाया था।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और अमेरिकी रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने यह स्पष्ट किया कि समझौते पर आगामी कुछ ‘हफ्ते’ या ‘महीने’ के अंदर हस्ताक्षर किए जाएंगे, और इसका मतलब भारत की धरती पर अमेरिकी सैनिकों की तैनाती नहीं है।
द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को बढ़ाने के लिए दोनों पक्ष अपनी-अपनी रक्षा और विदेश मामलों के मंत्रालयों के अधिकारियों के बीच एक नई द्विपक्षीय समुद्री सुरक्षा वार्ता स्थापित करने के लिए सहमत हुए।
2) गुड़गांव अब गुरुग्राम
विवरण:
दिल्ली के बाहरी इलाके में स्थित हरियाणा का कॉर्पोरेट हब, ‘गुड़गांव’ अब ‘गुरुग्राम’ के रूप में जाना जाएगा।
यह निर्णय भाजपा सरकार द्वारा लिया गया। भाजपा सरकार का कहना है कि इस क्षेत्र के लोग लंबे समय से गुड़गांव जिले का नाम बदलकर गुरुग्राम रखने की मांग कर रहे थे।
एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा, ‘यह वो इलाका है जहां महाभारत काल में द्रोणाचार्य का आश्रम हुआ करता था। उस समय यह एक बड़ा अध्ययन केंद्र था, जहां राजकुमारों को शिक्षा दी जाती थी।
इसके साथ ही ‘मेवात’ का नाम भी बदलने का फैसला लिया गया है, और अब इसे ‘नूह’ नाम से जाना जाएगा।
हरियाणा सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि वास्तव में मेवात एक भौगोलिक और सांस्कृतिक इकाई है, न कि एक शहर। यह हरियाणा से बाहर पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश और राजस्थान तक फैला हुआ है।
3) भारत की सैन्य अंतरिक्ष निगरानी क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए कार्टोसैट -2 का प्रक्षेपण
विवरण:

इसरो के पृथ्वी अवलोकन उपग्रह कार्टोसैट -2 को “पीएसएलवी” रॉकेट के जरिये मई में प्रक्षेपित किया जाएगा। यह भारत की सैन्य निगरानी और टोही क्षमताओं के लिए “शॉट इन दी आर्म” साबित होगा। भारत, इस प्रक्षेपण के साथ अमेरिका, इजरायल और चीन जैसे उन देशों की लीक में शामिल हो जायेगा जिनके पास समान या बेहतर जासूसी उपग्रह हैं जो अंतरिक्ष से पृथ्वी पर हो रही घटनाओं की कड़ी नजर रखते हैं।
कुछ हफ़्ते पहले, कार्टोसैट-2 — जिसे अहमदाबाद के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (SAC) में बनाया गया है, को सफल परीक्षण और मूल्यांकन के बाद बेंगलुरु में इसरो उपग्रह केंद्र (आईएसएसी) के लिए रवाना कर दिया गया है।
इस ब्रांड के नए उपग्रह, कार्टोसेट -2 ए का अनुसरण करेंगे– जो रक्षा क्षेत्र के लिए समर्पित भारत का पहला सैन्य उपग्रह था जिसे 2007 में प्रक्षेपित किया गया था एवं जो देश के आस-पास मिसाइल प्रक्षेपण पर नजर रखने की क्षमता रखता था।
4) आईआईपी में उछाल, खुदरा मुद्रास्फीति 6 महीने के न्यूनतम स्तर पर:
विवरण:
फरवरी में, औद्योगिक उत्पादन में 2 फीसदी की वृद्धि हुई है, इसके पहले पिछले तीन महीने में इसमें गिरावट दर्ज की गई थी, और मार्च में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 6 माह के निम्न स्तर 4.83 फीसदी पर पहुँच गई है, जोकि अर्थव्यवस्था में सुधार एवं भारतीय रिजर्व बैंक के लिए नीतिगत दरों में कटौती की गुंजाइश को दर्शाता है।
वसूली की धीमी गति से चिंतित, भारतीय उद्योग जगत ने विकास में तेजी लाने के लिए सरकारी हस्तक्षेप एवं न्यूनतम ब्याज दरों की व्यवस्था की सिफारिश की है।
हालांकि फरवरी में औद्योगिक उत्पादन में इजाफा हुआ है, परन्तु सूचकांक में 75 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखने वाले विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर महज 0.7 फीसदी रही, जबकि फरवरी 2015 में वृद्धि दर 5.1 प्रतिशत दर्ज की गई थी।
5) यूनिसेफ ने गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट (GITAM) के साथ समझौता ज्ञापन पर किये हस्ताक्षर
विवरण:
यूनिसेफ और गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट (GITAM) विश्वविद्यालय ने विशाखापत्तनम जिले में किशोरों को सशक्त बनाने एवं किशोरों से सम्बंधित मुद्दों का समाधान करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
किशोरों से सम्बंधित मुद्दों का समाधान करने के लिए विशाखापट्टनम को भारत के चार जिलों में से एक के रूप में चुना गया है। अन्य जिलों में पुरुलिया (पश्चिम बंगाल); असम का सिबसहर जिला एवं झारखण्ड का पूर्वी सिंघबम शामिल हैं।
यूनिसेफ चीफ एवं फील्ड अधिकारी रुथ लियनो ने बताया कि चार राज्यों को किशोरियों से संबंधित संकेतक के आधार पर चुना गया है। विशाखापत्तनम को, इस जिले में 57.4 प्रतिशत बाल विवाह की घटनाओं एवं आदिवासियों की उच्च आबादी के चलते चुना गया है।
विश्वविद्यालय के कुलपति एम. एस. प्रसाद राव ने बातचीत के दौरान बताया कि समझौता ज्ञापन के भाग के रूप में, यूनिसेफ एवं गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट विश्वविद्यालय यथा संभव डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की खोज करके उन्हें विकसित करने एवं उन्हें बनाये रखने में सहयोग प्रदान करेंगे।
चाबहार लेख के फाइनल होने के साथ ही अफगानिस्तान तक मार्ग बनाने का भारत का सपना हुआ मजबूत
विवरण:
पाकिस्तान को दरकिनार करते हुए भारत से ईरान और अफगानिस्तान बल्कि मध्य एशिया तक एक व्यापार मार्ग के निर्माण का 13 वर्ष पुराना प्रस्ताव अब वास्तविकता के करीब है।
तीनों देशों ने परिवहन और पारगमन से सम्बंधित मुद्दों पर तीन-पक्षीय संधि पर वार्ता समाप्त की। ईरान के चाबहार बंदरगाह को मुख्य केंद्र बनाते हुए व्यापार संचालित करने के लिए यह समझौता कानूनी ढांचे की तरह काम करेगा।
संधिलेख पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे भारत, ईरान और अफगानिस्तान के वार्ताकारों के लिए सोमवार एक लम्बा दिन रहा। बैठक देर रात 9.30 बजे समाप्त हुई। लेख को विशेषज्ञ समूह की दूसरी बैठक में अंतिम रूप दिया गया। इससे पहले, उनकी पहली बैठक पिछले साल सितंबर में तेहरान में हुई थी।